Modern Day Shravan Kumar: आजकल हर कोई सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने लगा है। ऐसे में सेलेब्स भी अपने फैन्स से जुड़े रहने के लिए सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। इसी सिलसिले में अनुपम खेर ने सोमवार को एक ट्वीट किया, जिसमें साझा की गई तस्वीर काफी वायरल हो रही है। दरअसल, हाल ही में उन्हें कैलाश गिरी ब्रह्मचारी की एक तस्वीर दिखाई दी, जिसमें वह अपने नेत्रहीन मां को अपने कंधों पर लाद कर ले जा रहा है। इसके बाद अभिनेता अनुपम खेर ने उस तस्वीर को ट्वीट करते हुए कहा कि वह उस व्यक्ति की सहायता करना चाहते हैं, जिसके तहत उसकी तीर्थ यात्राओं के लिए वह भुगतान करना चाहते हैं। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैलाश गिरी ब्रह्मचारी नाम के शख्स ने लंगोटी पहनी हुई है और बांस में बंधी दो टोकरियों को अपने कंधों पर लादे हुए है। इसमें एक टोकरी में सामान रखा हुआ है, जबकि दूसरी टोकरी में कैलाश की मां बैठी हुई हैं।
अनुपम खेर ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ
दरअसल, कैलाश गिरी ब्रह्मचारी को समकालीन श्रवण कुमार भी कहा जा रहा है, जो अपनी मां की इच्छाओं को पूरा करने के लिए पिछले 20 वर्षों से अपनी 80 वर्षीय नेत्रहीन मां को कंधों पर लेकर घुमा रहे हैं। अब तक वे भारत के विभिन्न मंदिरों में जा चुके हैं। यही कारण है कि इन्हें समकालीन श्रवण कुमार का नाम दिया जा रहा है।
ट्विटर पर फोटो शेयर कर लिखी ये बात
ऐसे में दिग्गज अभिनेता होने के साथ-साथ दिल के बहुत अच्छे इंसान अनुपम खेर ने फोटो को ट्वीट किया और लिखा, 'तस्वीर में डिस्क्रिप्शन काफी है और बेहद विनम्र है! प्रार्थना करो, ये सच है। इसलिए, अगर किसी को इस आदमी का ठिकाना मिल जाए, तो कृपया हमें जरूर बताएं।' आगे उन्होंने लिखा, अनुपमकेयर्स देश में किसी भी तीर्थ यात्रा के लिए अपनी मां के साथ अपनी सभी यात्राओं को प्रायोजित करने के लिए जीवन भर सम्मानित किया जाएगा।'
देखें ट्वीट-
लोगों ने कमेंट बॉक्स में की तारीफ
अनुपम खेर के इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर और भी लोगों को काफी भावुक कर दिया है। हर कोई इस समकालीन श्रवण कुमार के हौसले और हिम्मत को सलाम कर रहे हैं। साथ ही लोग काफी आश्चर्यचकित भी है।
इसके अलावा लोग अनुपम खेर के इस फैसले की भी काफी सराहना कर रहे हैं। ऐसे में एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, 'आपको सलाम श्रीमान खेर, आपकी दयालुता की बहुत सराहना की जाती है।' एक और अन्य यूजर ने लिखा, 'आप न सिर्फ सही जगहों पर आवाज उठाते हैं, बल्कि पहल करने के साथ-साथ अपनी काबिलियत साबित करते हैं।'
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कैलाश गिरी ब्रह्मचारी को समकालीन श्रवण कुमार भी कहा जा रहा है, जो अपनी मां की इच्छाओं को पूरा करने के लिए पिछले 20 वर्षों से अपनी 80 वर्षीय नेत्रहीन मां को कंधों पर लेकर घुमा रहे हैं।